Sunday 26 June 2011

चियर्स-गर्ल के हाथों में बियर

बचपन के दिनों में हमें स्कूल की किताबों में व दादी-नानी से राजा,इन्द्र व देवों की काफी कहानियां सुनने को मिलती थीं की राजा अपनी रानी के साथ,इन्द्र अपनी इन्द्राणी के साथ व देव अपनी देवरानी के साथ राज्सिंघासन पर विराजमान हो कर उसकी शोभा बढ़ाते थे और अपने नृत्य से उनके राजदरबार की शोभा बढाती थीं उनकी दासियाँ व अप्सराएँ |
ये तो हो गयी बचपन की वो बातें जो बच्चों को बहलाने-फुसलाने के लिए की जाती थीं पर अब समय काफी बदल चुका है | न ही कोई राजा है,न ही कोई रानी,न ही दासियाँ और न ही किसी का राजदरबार | अब समय है चियर्स-गर्ल का........जो धरती पर खेल के मैदान  में अप्सराओं का काम करती हैं |
पर क्या हमने कभी ये सोचा है कि क्रिकेट जैसे रोमांचक  खेल में  इन अप्सराओं का काम क्या है.....अजि जनाब काम तो कुछ भी नहीं है सिवाय डांस के.......तो कोई डांस देखने थोड़े ही न जाता है | क्यों अभी हाल में ही सम्पन्न हुए वर्ल्ड-कप में चियर्स-गर्ल ने डांस नहीं किया तो क्या दर्शकों का मनोरंजन रुक गया बल्कि दर्शक तो वर्ल्ड-कप के पूरे मैच का पूरा का पूरा लुफ्त उठाते नजर आ रहे थे |
फिर ये आइपीअल और २०-२० जैसे क्रिकेट मैचों में चियर्स-गर्ल क्यूँ | क्योंकि ग्लैमरस कि चका-चौंध ने क्रिकेट जैसे खेल को भी अपने वस में कर लिया है | फ़िल्मी दुनिया से लेकर खेल के मैदान तक सभी ग्लैमरस की चमक में खोते ही जा रहें हैं तो फिर खेल के मैदान में नृत्य करके दर्शकों का मनोरंजन करने वाली ये चियर्स-गर्ल इससे अछूती क्यों रह जाएँ.........खैर
सब्र करिए और देखते रहिये कि अभी क्रिकेट में हमें और क्या-क्या बदलाव देखने को मिलने वाले हैं | कहीं ऐसा न हो कि कुछ दिन बाद ये भी सुनने को मिल ही जाये कि दर्शकों के मनोरंजन में कमी न आ जाये बल्कि दर्शकों का मनोरंजन खुल के हो सके जिसके लिए दर्शकों की ही मांग पर चियर्स-गर्ल अपने हाथों से ही दर्शकों को बियर ला कर दें और दर्शक बियर पी-पी कर खेल का और चीयर-गर्ल के डांस का  आनंद उठाते दिखाई दें........अब तो आप खुद ही इस बात का अंदाजा लगा सकतें हैं कि उस वक्त खेल के मैदान का नजारा कैसा हो सकता है...........जी हाँ बिलकुल पुराने समय के उसी तवायफ-खाने के जैसा जहाँ तवायफें अपना नृत्य पेश करती रहतीं थीं और कदरदान सामने बैठ कर उनके नृत्य का आनंद मदिरा पी-पी कर उठाते रहते थे |
क्रिकेट का खेल तो खुद अपने में ही एक ऐसा मनोरंजन का खेल है कि शायद ही कोई ऐसा इंसान होगा जो क्रिकेट को देखते समय उबता होगा या बोर होता होगा | क्योंकि इस खेल के एक-एक बोल  
में मनोरंजन छुपा हुआ है | फिर क्या जरुरत है क्रिकेट के मैदान में खेल के वक्त चियर्सगर्ल और 
चियर्स-गर्ल के हाथों में बियर  की |

                                                  
                                                       खेल तो खुद एक मनोरंजन होए,

                                                       जे देखे ऊ बोर न होए 

Monday 23 May 2011

मेरे देश की यही पहचान है

मेरे देश की यही पहचान है
एक-दुसरे के प्रति प्रेम और बड़ो से मिले-
संस्कार ही हमारी जान है
जहाँ पर अलग-अलग शहरों की संस्कृति सुनाती-
अपने-अपने शहरों की कहानी है
जहाँ पर बच्चों को लोरियाँ गा कर सुलाती दादी और नानी हैं
जिस देश की मिटटी में मिले किसानो के खून-पसीने हैं
जिस देश ने न जाने कितने जन्मे फौलादी सीने हैं,
जहाँ धर्म और आस्था की चादर में लिपटा हुआ हर-एक इंसान है
जहाँ मंदिर के घंटों की गूंज और नमाज के साथ होती सुबह व शाम है
जिस देश में माँ-बाप को माना जाता भगवान है
जहाँ माँ के पैरों में सवर्ग और पिता के पैरों में दिखता ब्रम्हांड है
वो देश कोई और नहीं बल्कि,,,,,,
मेरा भारत महान है--मेरा भारत महान है

Friday 20 May 2011

मुसाफिर

चन्द लम्हों के लिए था क्या उस कश्ती में साथ हमारा
जो किनारों को मिलते ही राहों को बदल दिए मुसाफिर
छू लिया था तुमने अपनी निगाहों से हमारी रूह तक को भी
फिर मंजिल पा कर अजनबी क्यों बन गये मुसाफिर
थामा था हाथ तुमने मेरे साथ चलने के वास्ते,
फिर तनहा छोड़ कर हमे क्यों चल दिए मुसाफिर
किसी की यादों में तड़प कर हमे रोने की आदत ना थी
फिर मेरी आँखों में अश्क क्यों दे गये मुसाफिर
आज भी पलके बिछाए बैठी हू उसी राह पर तेरे इंतज़ार में
जिस राह से तुम गुजरे थे मुसाफिर
डर नहीं है मुझे तुफानो के आने का
क्यूकि मेरा साहिल तो तुम हो मुसाफिर
बस बहुत आजमा लिया तुमने हमे,
अब इन फासलों को ख़तम करने लौट कर आजाओ मुसाफिर

Sunday 15 May 2011

मिलना और बिछड़ना

वो पहली बार जब हम मिले
अनजाने चेहरे से हिल-मिल गये  
कट गया कैसे ये लम्बा सफ़र 
आखिरी समय पर याद आये वही पल 
साथ-साथ रहने की आदत पड़ती गयी 
एक-दुसरे की एक दिन की भी गैरमौजूदगी  कमजोरी बनती गयी 
वो पहली बार जब हम मिले.......................
अन्जाने चेहरे से हिल-मिल गये ....................
हाथो में हाथ दे हम चलते रहे
गिरते सभलते एक-दूजे का सहारा बनते रहे 
याद आयेंगे बहुत वे एक-साथ बिताये हुए पल 
आँशु दे जायेंगे वो गुजरे हुए कल 
अब तो अलग है मंजिले और तय करना है अकेले जिन्दगी का सफ़र 
क्योंकी हमारी राहें भी अलग है और अलग है डगर 
वो पहली बार जब हम मिले.................
अनजाने चेहरे से हिल-मिल गये ....................

Monday 25 April 2011

LADKIA HI HAIN LADKO KI JANNI


HUM AAJAD DESH KE AAJAD NAGRIK JARUR HAIN LEKIN HUM LADIKA IS AAJAD DESH ME KITNE MAIHFUJ HAIN YE TO HUMARA DIL HI JANTA HAI.....AKHIR-KAAR HUM JAYE TO JAYE KAHA....JISKI JANNI BHI HUM HAIN WO BHI HUMARA TIRSKAR KARNE ME KOI KASAR BAKI NAHI CHHODNA CHAHTA HAI...EK LADKI BACHAPAN SE LEKAR APNE JIVAN KE ANT TAK KE SAFAR ME EK BETI,EK PATNI,EK MAA OR EK BAHU BAN KAR HAR RISHTE KO KHUSHI-KHUSHI NIBHATI RAHTI HAI,ISLIYE NAHI KI WO EK LADKI HAI YA EK AURAT HAI BALKI ISLIYE KI IN SABHI RISHTO ME USSE USKE GHAR KI EJJAT CHHIPI HUI HOTI HAI....LADKIA HUMESA MARD KI BADDI TIPPDIO KA NISHANA BANTI HUI CHALI AA RHI HAIN....LEKIN SHAYAD MARD YE BHUL CHUKE HAIN KI AGAR WO MAA DURGA KI PUJA KARTE HAIN TO UNHE SABSE PAHLE UN TAMAM AURTO V LADKIO KO PUJAY NIGAHO SE DEKHNA HOGA....JINKI WO APNI BADDI TIPPDIO SE AAY DIN NINDA KARTE RAHTE HAI....QKI EK AURAT BHI MAA SHAKTI KA RUP HOTI HAI....FIR CHAHE WO EK BETI,BAHAN HO,GIEL FRIEND HO,YA EK PATTNI .....AGAR STRI-PURUS KO SAMAJ ME BARABR KA DARJA MILA HAI TO SIR UTHA KAR EJJAT SE JINE KA HAK HUME BHI HAI.....OR HUMSE  HUMARA HAK KOI  NAHI CHHIN SAKTA,KOI BHI NAHI....

MAI TO BAS ITNA HI KAHUGI KI...........
AGAR HUM HAIN,TO HUMI SE AAP HAIN
AGAR HUM NAHI,TO YE MANUSYO TUM BHI NAHI..............KADAR KARO HUMARI

Sunday 24 April 2011

CRICKET KA BHAGWAN

SAMAY BADLA YUG BADLA ISI KE SATH HI SATH CRICKET MATCH KA DOUR BHI BADAL GYA....PAHLE CRICKET KYA THA,AAJ CRICKET KYA HAI OR AANE WALE SAMAY ME CRICKET KYA HOGA.....CRICKET MATCH KI IS BADLTI DUNIYA ME AGAR KOI NAHI BADLA TO WO HAIN "CRICKET KE BHAGWAAN SACHIN TENDULKAR"
25 JUNE 1983 ME KHELE GYE WORLD-CUP SE LEKAR 2 APRIL 2011 TAK KE WORLD-CUP KE SAFAR ME NA JANE KITNE KHILADI INDIAN TEEM KA HISSA BANNE AAYE OR ACHCHA PRADARSON NA KAR PANE KI WAJAH SE BINA KOI PAHCHAN BANAYE HI WAPAS CHALE GYE....LEKIN CRICKET KE ITNE LAMBE DOUR SE JUDE SACHIN EK MATRA AISE KHILADI HAIN JINHONE APNI KADI MEHNAT OR LAGAN SE CRICKET JAISE KHEL ME SIRF APNA SIKKA HI NAHI JAMAYA BALKI UN TAMAM KHILADIO KE CHHAKKE BHI IS KADAR CHHUDAYE KI UN KHILADIO KA CAREER CRICKET KHEL SE HUMESA KE LYE KHATM HOTA NAJAR AANE LGA.....
PAHLE 50-50,FIR 20-20 OR AB IPL TAK ME CRICKET KE KAI ROOP DEKHNE KO MILE....OR IN SABHI SWRUPO ME SACHIN NE APNE KARTAV KO HUMESA BAKHUBI NIBHAYA HAI....TABHI 99 SATAK BANA KAR SBHI KA RECORD TODNE WALE SACHIN KA NAAM US ITIHAAS ME DARJ HO CHUKA HAI KI JAHA TAK PAHUCH PANA SHAYAD AB KISI KE BAS KI BAAT NAHI….APNI SADGI,SWBHAV,SALINTA OR KHEL KE KARAN AJ SACHIN DESH BHAR KI JANTA KI NIGAHO ME CRICKET KE BHAGWAN KE RUP PUJE JATE HAIN.....INDIAN CRICKET TEEM KE SATH-SATH PURE DESH KO IS BAAT PAR NAAJ HAI KI "HUMARE PAAS SACHIN TENDULKAR NAAM KA EK AISA ANMOL HEERA HAI KI CHAE WO MAIDAN ME KHEL KE LIYE UTRE YE NA UTRE UNKI CHAMAK KHEL KE MAIDAN ME HUMESA NAJAR AAYEGI"...............

MANY-MANY RETURN OF THE DAY
HAPPY BIRTHDAY TO U SACHIN SIR

Saturday 23 April 2011

DESH HI HUMARA PAHLA DHARM

MAJAHB KE NAAM PAR DANGE JO CHHID GAYE,
CHARO TARAF KHUN KE KATRE BIKHAR GAYE,
KYU DUSHMANI HUMNE AAPS ME PAAL LI,
JISSE IS DESH KE DUKDE-DUKDE HUYE,
NETAO KA KYA HAI WO KURSI BACHAYEGE,
KHUD BHI LADENGE HUMKO BHI LADWAYENGE,
AE KHUDA KE BANDO YE MULK HAI HUMARA,
JISKI HIFAJAT ME NA JANE KITNE SAR KAT GAYE