Monday 23 May 2011

मेरे देश की यही पहचान है

मेरे देश की यही पहचान है
एक-दुसरे के प्रति प्रेम और बड़ो से मिले-
संस्कार ही हमारी जान है
जहाँ पर अलग-अलग शहरों की संस्कृति सुनाती-
अपने-अपने शहरों की कहानी है
जहाँ पर बच्चों को लोरियाँ गा कर सुलाती दादी और नानी हैं
जिस देश की मिटटी में मिले किसानो के खून-पसीने हैं
जिस देश ने न जाने कितने जन्मे फौलादी सीने हैं,
जहाँ धर्म और आस्था की चादर में लिपटा हुआ हर-एक इंसान है
जहाँ मंदिर के घंटों की गूंज और नमाज के साथ होती सुबह व शाम है
जिस देश में माँ-बाप को माना जाता भगवान है
जहाँ माँ के पैरों में सवर्ग और पिता के पैरों में दिखता ब्रम्हांड है
वो देश कोई और नहीं बल्कि,,,,,,
मेरा भारत महान है--मेरा भारत महान है

2 comments:

  1. bahut hi sundar aur acchi rachna hai
    hamara bharat desh culture me sabse mahaan hai ish baat par koi saq nhi

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  2. accha likha hai lekin hamara bharat mahan tha hai nahi

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