Monday 23 May 2011

मेरे देश की यही पहचान है

मेरे देश की यही पहचान है
एक-दुसरे के प्रति प्रेम और बड़ो से मिले-
संस्कार ही हमारी जान है
जहाँ पर अलग-अलग शहरों की संस्कृति सुनाती-
अपने-अपने शहरों की कहानी है
जहाँ पर बच्चों को लोरियाँ गा कर सुलाती दादी और नानी हैं
जिस देश की मिटटी में मिले किसानो के खून-पसीने हैं
जिस देश ने न जाने कितने जन्मे फौलादी सीने हैं,
जहाँ धर्म और आस्था की चादर में लिपटा हुआ हर-एक इंसान है
जहाँ मंदिर के घंटों की गूंज और नमाज के साथ होती सुबह व शाम है
जिस देश में माँ-बाप को माना जाता भगवान है
जहाँ माँ के पैरों में सवर्ग और पिता के पैरों में दिखता ब्रम्हांड है
वो देश कोई और नहीं बल्कि,,,,,,
मेरा भारत महान है--मेरा भारत महान है

Friday 20 May 2011

मुसाफिर

चन्द लम्हों के लिए था क्या उस कश्ती में साथ हमारा
जो किनारों को मिलते ही राहों को बदल दिए मुसाफिर
छू लिया था तुमने अपनी निगाहों से हमारी रूह तक को भी
फिर मंजिल पा कर अजनबी क्यों बन गये मुसाफिर
थामा था हाथ तुमने मेरे साथ चलने के वास्ते,
फिर तनहा छोड़ कर हमे क्यों चल दिए मुसाफिर
किसी की यादों में तड़प कर हमे रोने की आदत ना थी
फिर मेरी आँखों में अश्क क्यों दे गये मुसाफिर
आज भी पलके बिछाए बैठी हू उसी राह पर तेरे इंतज़ार में
जिस राह से तुम गुजरे थे मुसाफिर
डर नहीं है मुझे तुफानो के आने का
क्यूकि मेरा साहिल तो तुम हो मुसाफिर
बस बहुत आजमा लिया तुमने हमे,
अब इन फासलों को ख़तम करने लौट कर आजाओ मुसाफिर

Sunday 15 May 2011

मिलना और बिछड़ना

वो पहली बार जब हम मिले
अनजाने चेहरे से हिल-मिल गये  
कट गया कैसे ये लम्बा सफ़र 
आखिरी समय पर याद आये वही पल 
साथ-साथ रहने की आदत पड़ती गयी 
एक-दुसरे की एक दिन की भी गैरमौजूदगी  कमजोरी बनती गयी 
वो पहली बार जब हम मिले.......................
अन्जाने चेहरे से हिल-मिल गये ....................
हाथो में हाथ दे हम चलते रहे
गिरते सभलते एक-दूजे का सहारा बनते रहे 
याद आयेंगे बहुत वे एक-साथ बिताये हुए पल 
आँशु दे जायेंगे वो गुजरे हुए कल 
अब तो अलग है मंजिले और तय करना है अकेले जिन्दगी का सफ़र 
क्योंकी हमारी राहें भी अलग है और अलग है डगर 
वो पहली बार जब हम मिले.................
अनजाने चेहरे से हिल-मिल गये ....................